Thursday, January 26, 2012

कांग्रेस या शकुनी मामा.....

मैं जब २००९ में पहली बार वोट देने गया तो बहुत खुश था।क्यूंकि  इंडिया शाइनिंग के नारे सुन सुन ऐसा लगता था  के सच में इंडिया मंहगाई में शाइन कर रही है। तभी मैंने मन बना लिया के कांग्रेस को वोट दूंगा, क्यूंकि कांग्रेस का हाथ आम आदमी के साथ था। पर आज तो उस हाथ के पीछे की सच्चाई कुछ और ही निकली , असल में वो हाथ तो ऐ. राजा और कलमाड़ी के साथ था। कांग्रेस के शह और मात को देख के तो मामा शकुनी भी अपनी चाल भूल जाय। कांग्रेस तो शकुनी मामा से भी दो कदम आगे निकली , और इसतरह से अन्ना हजारे रूपी पांडव को अपने चक्रव्यूह में फंसाया के वो बेचारे तो निकल ही नहीं पाए। और सभी पार्टियों ने संसद के अन्दर जिस तरह से लोकपाल बिल का चिरहरण किया उसे देख के तो कौरव भी शर्मा जाये। आज पेट्रोल ७० रूपए/लीटर है, सोना ३०००० हज़ार के पार है, डालर के सामने रूपये की कोई औकात नहीं है । पूरी की पूरी यूपीए सरकार भ्रष्ट्राचार में लिप्त है। एक छोटे संत्री से लेकर बड़े बड़े मंत्री तक फिर भी ५ राज्यों में होने वाले चुनाव में कांग्रेस यही कह रही है ,"कांग्रेस का हाथ आम आदमी के साथ"।
                                                                                                                    ---मोहम्मद नज़रे इमाम